गुरुवार, 18 जुलाई 2024

Swing trading

 Swing trading 

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है

जिसे के नाम से हमें पता चल रहा है स्विंग नाम से पता चल रहा है कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाना

मतलब कि किसी share को buy करना और कुछ समय तक usko रखने से ही है



मान लीजिए अपने किसी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस कर लिया

स्विंग ट्रेडिंग में कंपनी का कुछ फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में पता होना आवश्यक होता है

फिर हम कंपनी के शेर को टेक्निकल एनालिस्ट के रूप में देखेंगे

और मार्केट क्लोज्ड डायरेक्शन में चल रही है या नहीं चल रही है

शेर टॉप क्वालिटी का है या नहीं

फॉर टेक्निकल एनालिसिस के हिसाब से देखेंगे कि हमारी buying कहां से होती है और हमारे टारगेट क्या लेने वाले hai

उसे शेर को कुछ time के लिए लेते हैं एक वीक 1 मंथ या 2 month tak

समय के पास साथ हम उसे शेर को निकाल कर अपना फोटो कर लेते हैं अगर वह अपनी डायरेक्शन के हिसाब से चलता है

अगर वह नीचे आ जाता है तो हमारी sl ko hit  करते हैं तो हम अपना को loss बुक कर कर हमारी पोजीशन को सॉफ्वेयर ऑफ कर dange 

स्विंग ट्रेडिंग एंड शेयर को दिन में एक-दो baar  देख लेते हैं कि वह हमारी टारगेट के नजदीक आया sl के नजदीक है

डूइंग ट्रेडिंग में जोखिम थोड़ा काम होता है

प्रॉफिट भी thik hota adhik toh n hi jyada kam

Isme jokim thoda kam hota intraday k hosab se 


Intraday trading

 Intraday trading 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका
हां aaj hum बात करेंगे शेयर बाजार में निवेश करने की कौन-कौन सी तरीका है
तो इसमें तीन तरीके होते हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग
इन्वेस्टमेंट
पहले हम जानेंगे कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है


तो इंट्राडे ट्रेडिंग दोस्तों होती है जहां से सुबह मार्केट लगभग 9: 15 per  जो ओपन होती है
9:15 से 3: 30 के बीच
हम किसी share को खरीदने हैं तो वह हमें कम मार्जिन में अधिक शेर ब्रोकर dilwate  हैं
आज के टाइम में लगभग हमें 5x के लगभग मार्जिन मिलता है
हम किसी share के ₹10000 के शेयर खरीदने हैं तो वह इंट्राडे में हमें लगभग ₹50000 तक के शेर मिल जाएंगे
वह शेर इंट्राडे में अवेलेबल है तो
पर इंट्राडे ट्रेडिंग में कंडीशन यह होती है कि तीन 30 तक हमें अपनी पोजीशन को बंद करना होता है
मान लीजिए aaj subhe 9:15 per हमने कोई share ₹30 के भाव में 1000 quantity  ko खरीदा था
और 3: 00 बजे तक उसे शेर का भाव लगभग 34 रुपए हो गया
तो हमें ₹4000 का फायदा होगा
वहीं अगर वह शेर का प्राइस अगर ₹2 डाउन चल जाता तो हमें ₹2000 का नुकसान भी हो सकता
कि हमारे पास टाइम वैल्यू कम होती है इंट्राडे ट्रेडिंग में इसलिए आज ही हमें अपनी पोजीशन को काटना होता है 3: 30 से पहले
इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग में काम टाइम वैल्यू में अधिक मार्जिन मूल्य कराया जाता है ताकि निवेदन अधिक जोखिम लेकर अधिक प्रॉफिट अज कर सके
इससे हमें पता चलता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में टाइम वैल्यू बहुत कम होती है जिसको अधिक होता है और तो प्रॉफिट भी अधिक होता है
तो इसलिए हमें इसी से यह पता चला कि इसमें अधिक लाभ के साथ-साथ अधिक जोखिम भी है
इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी शेर के साथ-साथ आजकल ऑप्शन बैंक शेयर ऑप्शन बैंक भी चलते हैं
इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले हमें किसी प्रोफेशनल एडवाइजर या किसी टेक्निकल एनालिसिस अच्छे जानकारी प्राप्त होनी चाहिए
90% लोगों का इंट्राडे ट्रेडिंग में लॉस होता है
लॉस होने का सबसे बड़ा कारण यही होता है कि हम लोगों को रिस्क मैनेजमेंट का पता नहीं होता और मैं ही नहीं टेक्निकल एनालिसिस का कोई ज्ञान होता है
ट्रेडिंग में फंडामेंटली ज्यादा महत्व नहीं करता जितना टेक्निकल एनालिसिस मैं तो करता है
इसलिए जब भी इंट्राडे ट्रेडिंग करें तो आपको कम से कम दो-तीन साल का एक्सपीरियंस होना आवश्यक है
इंट्राडे ट्रेडिंग प्रोफेशनल ट्रेडिंग में आता है
के लिए आप शुरू में तैयार नहीं हो सकते इसलिए आपको काफी सीखने की आवश्यकता होती है
इसलिए पहले आप सीखिए फिर अच्छे से एनालाइज करने के बाद आप निवेश करिए
नहीं तो आपके पास फंड ही नहीं रहेगा तो आप निवेश कहां से करोगी
जितने अच्छे से आप मार्केट के बारे की कोशिश होगी कि नहीं अच्छा होगा आपके लिए क्योंकि मार्केट में जोखिम बहुत होता है खासकर इंट्राडे ट्रेडिंग में

Investment se phle kya kare

Investment se phale salah

 नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे कि कैसे हम शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं जैसे कि दोस्तों आपने सुना होगा कि कई बार निवेदक से बाजार में निवेश करता है उसका पैसा डूब जाता है शेयर बाजार एक-में सेहत की तरह होता है aapko  dur से देखने पर अच्छा लगता है पर तुम जैसी honey khane की कोशिश करते हो आपको हानि हो सकती है



Share bazar m काफी पैसा है वहां पर नुकसान के चांसेस भी बहुत ज्यादा है

यहां पर निवेशक आते हैं kam paisa se और अधिक कमाने की इच्छा रखते हैं जो कि आप सबको हमको पता है की रियल लाइफ में यह पॉसिबल नहीं होता

कोई भी कार्य हो उसके करने का कोई तरीका होता है

जब हमें किसी कार्य को पूर्ण करने का सही तरीका नहीं पता होता तब तक हमें उसे कार्य को कैसे पूर्ण कर सकते हैं

कुछ निवेशक ₹10000 से महीने की लाख कमाने के सपने देखते हैं

जो कि किसी अधूरी सपना के समान है जिसे पूरा करना लगभग asambhav sa होता है

माना आपकी शॉप का काम करती हो आपने उसमें लख रुपए नहीं इन्वेस्टमेंट किए हैं

मान लीजिए अपने एक शॉप ओपन की है जिसमें आपका लगभग खर्च है ₹100000 के करीब aa gya

अपने शॉप ओपन कर लिया आप बाजार में बिल्कुल नए हो आपको बाजार के तौर तरीकों का पता नहीं है

और आप एक लाख निवेश वाली इस शॉप से महीने का तो उसे ₹300000 कमाने की इच्छा रखते हो

तो क्या यह संभव हो सकता है

तो इसलिए शेयर मार्केट को उसके निवेदक का तरीका पता होना चाहिए तभी हम उससे अच्छी तरह रिटर्न कमा सकते हैं

आगे हम जाने की निवेश करने के तरीके कौन-कौन से होते हैं और इनमें कौन से हमारे लिए अच्छे रहेंगे और konse में जोखिम अधिक अधिक होता है

Share market kya hota hai

Stock Market

 नमस्कार दोस्तों स्वागत है

आज हम बात करने वाले हैं कि शेयर बाजार क्या है जैसे कि आप जानते हैं दोस्तों की शेर का मतलब है किसी चीज को बांटना या विभाजित करना

जैसे कि हम शब्द से कुछ अर्थ का पता चल रहा है



दोस्तों शेयर बाजार में शेरों को खरीदा और बेचा जाता है

शेर को खेल इतने बेचने से भावार्थ है किसी कंपनी की हिस्सेदारी को खरीदना बेचना है जैसे हम किसी शहर को खरीदने हैं तो हम उसे कंपनी के भागीदार कहलाएंगे वह कुछ भी परसेंट में उसके जितने ज्यादा हम क्वांटिटी खरीदेंगे उतनी ज्यादा हमारी परसेंट वाइस हिस्सेदारी होगी

प्राइम दोस्तों कंपनी का शेर का प्राइस कंपनी की वैल्यू के आधार पर आधारित होता है देसी देसी कंपनी की वैल्यू पड़ती है जैसे जैसे कंपनियों के डिमांड और सप्लाई दिस इस इमीडिएट होती है वैसे कंपनी का शेर का प्राइस बढ़ता चल जाता है

कंपनी का शेयर प्राइस इस आधार पर विधान होता है कि कंपनी अच्छा प्रॉफिट कमरिया नहीं कमा रही बढ़िया कंपनी हमेशा अपने रिश्तेदार को डिविडेंड के रूप में प्रॉफिट ka kuch hisa dividend k rup m sharehold ko definitely hai

शेयर बाजार को स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है भारत में दो शेयर बाजार को दो बाजार है एक मुंबई का स्टॉक एक्सचेंज दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज जिसे एनएससी और बीएससी के नाम से भी जाना जाता है

एनएसजी में शेयर प्राइस नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के थ्रू आते हैं जबकि बीएसई का शहर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार

तो अब तक कि आपने यह जान लिया कि शेयर बाजार क्या होता है कैसे एक किस प्रकार से काम करता है

उदाहरण के रूप में समझते हैं कि अपने मन लीजिए अपने 2003 में आईसर मोटर का शेयर खरीदा था आपने इसमें लगभग  ₹3000 निवेश की थी

इस हिसाब से आपके पास ऐसी मोटर की लगभग 1000

 क्वांटिटी हो गई

तो अभी अप वर्तमान में हम आइसो मोटर्स शेयर के प्राइस के वैल्यू देखें तो लगभग यह डेट 2 करोड़ के आसपास हुआ

मतलब कि अपने 2003 में लगभग 3000 मैच किया था तो आपको 20 साल बाद लगभग उसकी वैल्यू जो है और डेट 2 करोड़ के करीब होगी कंपनी में डिविडेंड के रूप में भी अपने हिस्सेदारों को प्रॉफिट दिया है

इस प्रकार share bazar m निवेश करने के तरीके भी अलग-अलग होती है

यह जो कामों के दिन हो सकते हैं इसलिए किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर होते लेकिन एनालिटिक्स का एक बार विश्लेषण कर लेना चाहिए

आगे हम जानेंगे कि कैसे हम शेयर बाजार में इन्वेस्ट कर सकते हैं और उसके निवेश करने के कौन-कौन से तरीके हैं और जोखिम किस में अधिक रहेगा और किस में जोकिंग की संभावना काफी कम हो जाती है

धन्यवाद दोस्तों



Candlestick

 Candlestick kya hai   Candlestick kasey work kerti       hai

हेलो नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं कि कैंडल स्टिक क्या होती है कि यह yeah humre liye क्यों महत्वपूर्ण है
बेसिक कैंडलेस्टिक में दो प्रकार होते हैं 
लॉन्ग कैंडल और short कैंडल
लॉन्ग कंट्री हमेशा बड़ी बॉडी वाली होती है
जबकि जबकि शॉर्ट कैंडल को छोटी होती है इनके मुकाबले लगभग आधी होती है


इसी प्रकार दो कैंडल होती है बाय कैंडल और सेलिंग कैंडल
बाइंग कैंडल को हम ग्रीन और ब्लू के द्वारा पहचानते हैं किसी में ग्रीन दिखती है तो कहां पर यह ब्लू भी दिख सकती है
बाइंग कैंडल हमेशा buying ka  trend दर्शाती है कि buyer ने कितना जोर लगा रखा है और मार्केट को कहां कैसे ले जाने वाले हैं इस प्रकार का दृश्य दिखाई है yeah कैंडल
इसी प्रकार सेलिंग कैंडल हमेशा सीलिंग का चार्ट दिखती है की सीलिंग का मार्केट में क्या ट्रेंड चल रहा है उनका मोमेंटम किस प्रकार है
हमेशा यह देखा जाता है कि जब भी बैंक होती है तो मार्केट स्लोली स्लोली ऊपर चढ़ती है
जबकि जो मार्केट में गिरावट होती है वह काफी तेज होती है
इसका रीजन हम एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं
आप ऐसा मानो कि हमें छत के ऊपर चढ़ता है कि हमारे पास दो ऑप्शन है किया तो हम सीडी से ऊपर चढ़ सकते हैं
इसी प्रकार हम uchlte चलते हुए ऊपर चढ़ने की कोशिश करेंगे तो हमारे गिरने के चांसेस बहुत ज्यादा रहेंगे
अब आप ऐसा मानो कि हम जब भी किसी चीज को ऊपर से नीचे गिरते हैं तो धीरे-धीरे नीचे गिरने की बजाई एकदम तेज गति से नीचे पड़ती है
इसलिए बाहर को हमेशा डर रहता है की मार्केट कभी भी नॉन फॉल कर सकती है इसलिए सेलिंग हमेशा तेज रहती है और बाइंग थोड़ी स्लोली होती है
इसका yeah mtlb nhi hai ki aap selling kro yha buying  yeah sirf education k liye hai
अगर कोई बाइंग कैंडल है उनकी वीक बड़ी है बॉडी छोटी है तो एक alag candle bangi jise hum hummer bhi bole skte hai इसी प्रकार कोई सेलिंग कैंडल है उसकी वीक बहुत ज्यादा बड़ी है और उसकी बॉडी बिल्कुल छोटी है तो इसे हम शूटिंग स्टार के नाम से भी जान सकती हैं
अक्सर कोई भी कैंडल हो बाइंग हो या सेलिंग हो अपनी मोमेंटम के अनुसार शिफ्ट होती है
इस प्रकार हम जान सकते हैं कि प्रत्येक कैंडल जो कि हमें ट्रेड का मोमेंटम को दर्शाती है
हम मान सकते हैं अगर कोई भी बैंक कैंडल बड़ी है और उसकी कोई बिक नहीं है तो हम उसे hum bullish candle bhi khe सकते हैं मतलब की buyer पूरी तरह से seller k  uper havi hai|
आगे हम vistaar  se candlestick के बारे में जानेंगे
उन्हें समझते हुए हम कैंडलेस्टिक को याद रखेंगे

Bearish engulfing pattern

 Bearish engulfing pattern 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारे वेबसाइट में आपका तहे दिल से स्वागत है
आज हम बात करने वाले हैं दोस्तों bearish inglfing कैंडलेस्टिक के बारे में की क्या होती है bearish inglfing  candle selling मोमेंटम को दर्शाती है कि कहां से selling ka pressure bn rha hai


Ise Trend का डायरेक्शन चेंज करने वाली candle कहते हैं
इसमें पहले वाली कैंडल जो bullish कैंडल होती है
इसमें जो सेकंड कैंडल बनती है वह bullish कैंडल को पूरी तरह से ढक लेती है
या फिर ashe कह सकते हैं कि जो bullish कैंडल को अपने अंदर संभाल लेती है इसमें पहले वाली कैंडल छोटी होती है जबकि दूसरी कैंडल जो की बेरी से मिलती है वह काफी बड़ी होती है
जो की छोटी कैंडल से लगभग ना मानो
इससे हम ऐसा मान सकते हैं की trend का reverse हो गया है
पहले कंट्रोल बार की हाथ में था कहीं ना कहीं से seller ने मार्केट के अंदर एंट्री ले लि hai
इसलिए इस कैंडल को हम एंट्री के लिए भी उपयोग कर सकते हैं जब भी हम ishi pattern के अनुसार हम एंट्री लेकर तो इसका हाई जो होगा वह हमारा sl होगा और इसका लोअर पॉइंट हमारे एंट्री हुई