रविवार, 20 अक्टूबर 2024

ऑप्शन कॉल्स और पुट्स ऑप्शन kya hai ??

 ऑप्शन कॉल्स और पुट्स दोनों **डेरिवेटिव्स** के रूप में जाने जाते हैं, जो निवेशकों को एक **अधिकार** (ना कि बाध्यता) देते हैं। इन दोनों के बीच मुख्य अंतर उनके द्वारा दिए गए अधिकारों में होता है:


### 1. **कॉल ऑप्शन (Call Option)**:

- **अधिकार:** एक कॉल ऑप्शन धारक को अधिकार देता है कि वह एक निश्चित कीमत (जिसे स्ट्राइक प्राइस कहते हैं) पर किसी परिसंपत्ति (जैसे स्टॉक) को **खरीद** सके।

- **उपयोग:** अगर धारक को लगता है कि संपत्ति की कीमत बढ़ने वाली है, तो वह कॉल ऑप्शन खरीदता है ताकि वह भविष्य में कम कीमत पर संपत्ति खरीद सके और मुनाफा कमा सके।

- **उदाहरण:** अगर किसी स्टॉक की मौजूदा कीमत ₹100 है और धारक के पास ₹120 की स्ट्राइक प्राइस वाला कॉल ऑप्शन है, तो अगर स्टॉक की कीमत ₹150 तक बढ़ जाती है, तो वह धारक ₹120 पर स्टॉक खरीद सकता है और बाजार में ₹150 पर बेचकर मुनाफा कमा सकता है।


### 2. **पुट ऑप्शन (Put Option)**:

- **अधिकार:** पुट ऑप्शन धारक को अधिकार देता है कि वह एक निश्चित कीमत पर परिसंपत्ति को **बेच** सके।

- **उपयोग:** अगर धारक को लगता है कि संपत्ति की कीमत गिरने वाली है, तो वह पुट ऑप्शन खरीदता है ताकि वह भविष्य में अधिक कीमत पर बेच सके, भले ही बाजार मूल्य गिर गया हो।

- **उदाहरण:** अगर किसी स्टॉक की मौजूदा कीमत ₹100 है और धारक के पास ₹80 की स्ट्राइक प्राइस वाला पुट ऑप्शन है, तो अगर स्टॉक की कीमत ₹60 तक गिर जाती है, तो धारक ₹80 पर स्टॉक बेच सकता है और मुनाफा कमा सकता है।


### अंतर सारांश:

- **कॉल ऑप्शन:** खरीदने का अधिकार (बुलिश सोच के साथ)।

- **पुट ऑप्शन:** बेचने का अधिकार (बेयरिश सोच के साथ)।


ये ऑप्शन निवेशकों को बाजार की दिशा के बारे में अपनी सोच के आधार पर लाभ कमाने का अवसर देते हैं।

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