सोमवार, 21 अक्टूबर 2024

ऑप्शन चेन को पढ़ना और समझना ऑप्शन ट्रेडिंग में एक महत्वपूर्ण स्किल है।

 **ऑप्शन चेन** को पढ़ना और समझना ऑप्शन ट्रेडिंग में एक महत्वपूर्ण स्किल है। ऑप्शन चेन से आप किसी विशेष स्टॉक या इंडेक्स के विभिन्न एक्सपायरी डेट्स, स्ट्राइक प्राइस, और कॉल और पुट ऑप्शन्स की कीमतों (प्रीमियम) की जानकारी पा सकते हैं। आइए स्टेप बाय स्टेप समझते हैं कि ऑप्शन चेन कैसे पढ़ा जाता है और इसका विश्लेषण कैसे किया जाता है:


### 1. **ऑप्शन चेन का फॉर्मेट**

   - **स्ट्राइक प्राइस**: ऑप्शन चेन में सभी उपलब्ध **स्ट्राइक प्राइस** होते हैं, जिनके आधार पर आप ऑप्शन्स खरीद सकते हैं। यह कॉल और पुट ऑप्शन्स के बीच में दिखाया जाता है।

   - **कॉल ऑप्शन्स**: ऑप्शन चेन के बाएं हिस्से में कॉल ऑप्शन्स की जानकारी होती है।

   - **पुट ऑप्शन्स**: ऑप्शन चेन के दाएं हिस्से में पुट ऑप्शन्स की जानकारी होती है।

   - **इन-द-मनी (ITM)**, **आउट-ऑफ-द-मनी (OTM)**, और **एट-द-मनी (ATM)** का वर्गीकरण: यह प्राइस के आधार पर बताया जाता है कि ऑप्शन की मौजूदा मार्केट प्राइस के मुकाबले स्थिति क्या है।


### 2. **ऑप्शन चेन के मुख्य घटक**

   ऑप्शन चेन में विभिन्न कॉलम होते हैं जिनका विश्लेषण करना जरूरी होता है। इनमें शामिल होते हैं:


#### **i. प्रीमियम (LTP या Last Traded Price)**

   - **कॉल ऑप्शन्स (CE)** और **पुट ऑप्शन्स (PE)** दोनों के लिए यह उस ऑप्शन का अंतिम ट्रेड किया गया प्रीमियम होता है।

   - यह उस प्राइस को दर्शाता है जिस पर ऑप्शन खरीदा या बेचा गया है।


#### **ii. ओपन इंटरेस्ट (OI)**

   - **ओपन इंटरेस्ट** उस समय मार्केट में ट्रेड किए जा रहे कुल कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या होती है, जो अभी तक बंद या स्क्वेयर ऑफ नहीं हुई है।

   - **बढ़ता हुआ ओपन इंटरेस्ट** दर्शाता है कि नई पोजीशंस ली जा रही हैं, जबकि घटता हुआ ओपन इंटरेस्ट यह दर्शाता है कि पोजीशंस बंद की जा रही हैं।

   - उच्च ओपन इंटरेस्ट वाले स्ट्राइक प्राइस महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे संभावित समर्थन या प्रतिरोध स्तरों को दिखा सकते हैं।


#### **iii. चेंज इन ओपन इंटरेस्ट (Change in OI)**

   - यह कॉलम बताता है कि पिछले दिन की तुलना में ओपन इंटरेस्ट में कितना बदलाव हुआ है। इसका इस्तेमाल तेजी या मंदी का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।

   - **OI में बढ़ोतरी** और प्रीमियम में वृद्धि आमतौर पर तेजी का संकेत होती है।

   - **OI में गिरावट** और प्रीमियम में गिरावट मंदी का संकेत होता है।


#### **iv. वॉल्यूम**

   - **वॉल्यूम** उस दिन ट्रेड किए गए ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या को दर्शाता है।

   - अधिक वॉल्यूम दर्शाता है कि उस ऑप्शन में अधिक ट्रेडिंग गतिविधि हो रही है, जिससे उसकी लिक्विडिटी बढ़ जाती है।


#### **v. बिड और आस्क प्राइस**

   - **बिड प्राइस** वह प्राइस है जिस पर खरीदार ऑप्शन खरीदने के लिए तैयार हैं।

   - **आस्क प्राइस** वह प्राइस है जिस पर विक्रेता ऑप्शन बेचने के लिए तैयार हैं।

   - बिड-आस्क स्प्रेड जितना छोटा होगा, उतनी ही ज्यादा लिक्विडिटी होगी और ट्रेडिंग में उतनी ही आसानी होगी।


#### **vi. इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (IV)**

   - **IV** से पता चलता है कि ट्रेडर्स भविष्य में स्टॉक की कितनी वोलैटिलिटी की उम्मीद कर रहे हैं। अधिक IV का मतलब है कि ऑप्शन का प्रीमियम ज्यादा होगा, क्योंकि वोलैटिलिटी बढ़ने की उम्मीद होती है।

   - जब IV बढ़ता है, तो ऑप्शन की कीमतें भी बढ़ती हैं, और IV कम होने पर ऑप्शन की कीमतें घटती हैं।


### 3. **कैसे पढ़ें ऑप्शन चेन: उदाहरण के साथ**

   मान लीजिए, आप Nifty 50 ऑप्शन चेन देख रहे हैं, और इसका वर्तमान मार्केट प्राइस ₹17,500 है। ऑप्शन चेन में आपको 17,500 के आसपास के स्ट्राइक प्राइस दिखाई देंगे।


#### **कॉल ऑप्शन**

   -  **17,500 स्ट्राइक** का कॉल ऑप्शन देखिए:

     - **LTP (Last Traded Price)**: मान लीजिए यह ₹120 है, इसका मतलब कॉल ऑप्शन का अंतिम ट्रेड ₹120 पर हुआ है।

     - **ओपन इंटरेस्ट (OI)**: अगर OI 50,000 है, तो इसका मतलब है कि 50,000 कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स खुले हैं।

     - **चेंज इन ओपन इंटरेस्ट**: मान लीजिए यह +5,000 है, इसका मतलब है कि 5,000 नई पोजीशंस जोड़ी गई हैं, जो आमतौर पर तेजी का संकेत हो सकता है।

     - **वॉल्यूम**: मान लीजिए 10,000 कॉन्ट्रैक्ट्स आज ट्रेड हुए हैं, तो यह दर्शाता है कि ट्रेडिंग गतिविधि अच्छी है।

     - **IV**: मान लीजिए IV 20% है, इसका मतलब है कि बाजार में निफ्टी के लिए वोलैटिलिटी अपेक्षाकृत स्थिर है।


#### **पुट ऑप्शन**

   - **17,500 स्ट्राइक** का पुट ऑप्शन देखिए:

     - **LTP (Last Traded Price)**: मान लीजिए ₹130 है, तो इसका मतलब पुट ऑप्शन का अंतिम ट्रेड ₹130 पर हुआ है।

     - **OI**: अगर पुट ऑप्शन का OI 60,000 है और चेंज इन OI +10,000 है, तो यह संकेत दे सकता है कि पुट ऑप्शन पर नई शॉर्ट पोजीशंस ली जा रही हैं, जो मंदी का संकेत हो सकता है।

     - **IV**: मान लीजिए IV 25% है, इसका मतलब पुट ऑप्शन में अपेक्षाकृत अधिक वोलैटिलिटी की उम्मीद की जा रही है।


### 4. **इन-द-मनी (ITM), आउट-ऑफ-द-मनी (OTM), और एट-द-मनी (ATM)**

   - **एट-द-मनी (ATM)**: ऑप्शन जिसकी स्ट्राइक प्राइस वर्तमान मार्केट प्राइस के बहुत करीब हो, उसे एट-द-मनी कहा जाता है।

   - **इन-द-मनी (ITM)**: 

     - **कॉल ऑप्शन्स** के लिए, जब स्ट्राइक प्राइस स्टॉक के वर्तमान प्राइस से कम होती है।

     - **पुट ऑप्शन्स** के लिए, जब स्ट्राइक प्राइस स्टॉक के वर्तमान प्राइस से ज्यादा होती है।

   - **आउट-ऑफ-द-मनी (OTM)**:

     - **कॉल ऑप्शन्स** के लिए, जब स्ट्राइक प्राइस वर्तमान मार्केट प्राइस से ज्यादा होती है।

     - **पुट ऑप्शन्स** के लिए, जब स्ट्राइक प्राइस वर्तमान मार्केट प्राइस से कम होती है।


### 5. **ट्रेडिंग रणनीति के लिए ऑप्शन चेन का उपयोग**

   - **सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का निर्धारण**: जिस स्ट्राइक प्राइस पर सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट होता है, वह संभावित समर्थन (पुट) या प्रतिरोध (कॉल) का स्तर हो सकता है।

   - **वोलैटिलिटी का विश्लेषण**: यदि इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (IV) ज्यादा है, तो ऑप्शन का प्रीमियम भी ज्यादा होगा, और आपको संभावित वोलैटिलिटी के जोखिम का ध्यान रखना होगा।

   - **मार्केट सेंटिमेंट**: अगर कॉल ऑप्शन्स में ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा है और प्रीमियम भी बढ़ रहा है, तो यह बाजार में तेजी का संकेत हो सकता है। इसके विपरीत, पुट ऑप्शन्स में ओपन इंटरेस्ट बढ़ने और प्रीमियम गिरने से मंदी का संकेत मिल सकता है।


### **सारांश**:

ऑप्शन चेन को सही ढंग से पढ़ना और समझना, बाजार की दिशा का विश्लेषण करने और प्रभावी ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। ओपन इंटरेस्ट, वोल्यूम, प्रीमियम, और इम्प्लाइड वोलैटिलिटी जैसे कारकों पर ध्यान देना आवश्यक है।

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