शुक्रवार, 8 नवंबर 2024

इंडिकेटर ड्रिफ्ट: क्या और क्यों?

 इंडिकेटर ड्रिफ्ट (Indicator Drift) का मतलब किसी इंडिकेटर द्वारा दी जाने वाली जानकारी या माप में समय के साथ धीरे-धीरे होने वाला बदलाव है, जो सही डेटा से विचलन को दर्शाता है। इसका मुख्य कारण इंडिकेटर का प्रदर्शन या मापदंडों में कुछ बदलाव आना है, जिससे वास्तविक स्थिति का सही-सही माप नहीं हो पाता।

इंडिकेटर ड्रिफ्ट के कारण:

  1. सेंसिंग एलिमेंट का खराब होना: समय के साथ सेंसर्स या अन्य घटक खराब हो सकते हैं या उनके गुणों में बदलाव आ सकता है, जिससे मापन में अशुद्धि आने लगती है।
  2. पर्यावरणीय कारक: तापमान, नमी, दबाव और अन्य बाहरी कारकों में बदलाव भी इंडिकेटर के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
  3. कैलिब्रेशन का अभाव: समय के साथ इंडिकेटर की कैलिब्रेशन नहीं की जाती है, तो वह सही माप देने में असमर्थ हो जाता है।
  4. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ की उम्र: लंबे समय तक उपयोग होने के कारण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पार्ट्स में छोटे-छोटे बदलाव आते रहते हैं, जो मापन में अंतर ला सकते हैं।
  5. डर्ट और डस्ट जमना: इंडिकेटर के आसपास धूल या गंदगी जम जाने पर उसके सेंसर्स या मैकेनिकल पार्ट्स पर असर पड़ सकता है।

इससे निपटने के उपाय:

  • नियमित रूप से कैलिब्रेशन करना ताकि इंडिकेटर के माप में सटीकता बनी रहे।
  • सेंसर्स और उपकरणों को समय-समय पर साफ करना और मरम्मत करना।
  • पर्यावरणीय कारकों का ध्यान रखना और जितना संभव हो इंडिकेटर को अनुकूल वातावरण में रखना।

इंडिकेटर ड्रिफ्ट से बचाव के लिए इन प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है ताकि समय के साथ इंडिकेटर का मापन सटीक बना रहे।

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