शेयर बाजार में सबसे कम समझे जाने वाले संकेतक
शेयर बाजार में कुछ संकेतक हैं जो अक्सर निवेशकों द्वारा कम समझे जाते हैं या जिनका उपयोग कम होता है, जबकि ये बेहद प्रभावी हो सकते हैं। ये संकेतक आमतौर पर विशेषज्ञों और अनुभवी निवेशकों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन अधिकांश खुदरा निवेशकों के लिए वे कम ज्ञात होते हैं। यहां कुछ ऐसे संकेतकों की सूची दी जा रही है जिन्हें सामान्यतः कम समझा जाता है:
1. ऑन-बैलेंस वॉल्यूम (OBV - On-Balance Volume)
- क्या है:
यह वॉल्यूम और मूल्य में परिवर्तन के बीच संबंध को मापता है। OBV यह बताता है कि जब वॉल्यूम बढ़ता है, तो बाजार की दिशा के साथ मूल्य में वृद्धि हो रही है, या नहीं। - कम समझा जाने का कारण:
अधिकांश निवेशक वॉल्यूम और कीमत के बीच संबंध को सीधे तौर पर समझने में मुश्किल महसूस करते हैं, और OBV के महत्व को नजरअंदाज करते हैं। - महत्व:
OBV का उपयोग ट्रेंड की ताकत को मापने और भविष्य के बाजार आंदोलनों को समझने के लिए किया जा सकता है। जब OBV बढ़ रहा होता है और कीमत स्थिर रहती है, तो यह भविष्य में कीमतों में वृद्धि का संकेत हो सकता है।
2. एडीएक्स (ADX - Average Directional Index)
- क्या है:
ADX किसी ट्रेंड की ताकत को मापता है, चाहे वह ट्रेंड ऊपर जा रहा हो या नीचे। यह संकेतक यह बताता है कि एक ट्रेंड मजबूत है या नहीं। - कम समझा जाने का कारण:
ADX के सही अर्थ को समझना और इसे अन्य संकेतकों के साथ संयोजन में उपयोग करना अक्सर कठिन हो सकता है। - महत्व:
ADX का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि वर्तमान ट्रेंड में कितना दम है। 25 के ऊपर ADX मजबूत ट्रेंड का संकेत देता है, जबकि 20 के नीचे ADX कमजोर ट्रेंड को दर्शाता है।
3. फिबोनाची रिट्रेसमेंट (Fibonacci Retracement)
- क्या है:
यह तकनीकी संकेतक किसी ट्रेंड के दौरान मूल्य के समायोजन या पलटाव की संभावना को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। - कम समझा जाने का कारण:
फिबोनाची रिट्रेसमेंट को समझने के लिए कुछ गणना की जरूरत होती है, जिससे नए निवेशकों के लिए यह कठिन हो सकता है। इसके अलावा, यह संकेतक केवल ट्रेंड के भीतर काम करता है, और अगर ट्रेंड नहीं बनता, तो यह अप्रभावी हो सकता है। - महत्व:
यह संकेतक सहायक समर्थन और प्रतिरोध स्तरों की पहचान करने में मदद करता है, जो मूल्य पलटाव या ब्रेकआउट की संभावना को दर्शाता है।
4. कंडिशनल वॉल्यूम (Conditional Volume)
- क्या है:
यह वॉल्यूम का एक विशिष्ट रूप है, जो केवल तब ही दिखाई देता है जब वॉल्यूम और मूल्य में एक विशेष प्रकार का संबंध होता है। - कम समझा जाने का कारण:
अधिकांश निवेशक वॉल्यूम पर अधिक ध्यान नहीं देते और कीमत के मूवमेंट को प्राथमिक मानते हैं। इस संकेतक को सही से समझने के लिए अधिक ध्यान और अभ्यास की आवश्यकता होती है। - महत्व:
वॉल्यूम के संदर्भ में स्थिति को समझने से निवेशक यह जान सकते हैं कि किसी खास स्टॉक में वास्तविक ट्रेंड की ताकत कितनी है।
5. चंदन (Chande) वॉलीटिलिटी ऑस्सीलेटर (Chande Volatility Oscillator - CVO)
- क्या है:
यह संकेतक बाजार की अस्थिरता का माप करता है और यह बताता है कि किसी विशेष समय में कितनी अधिक उतार-चढ़ाव हो रही है। - कम समझा जाने का कारण:
यह संकेतक अपेक्षाकृत जटिल है और बहुत से निवेशक इसे सामान्य वॉल्यूम या वोलाटिलिटी के सूचकांक के साथ भ्रमित कर सकते हैं। - महत्व:
CVO का उपयोग बाजार में अस्थिरता की ताकत और उसके परिणामस्वरूप मूल्य परिवर्तन की संभावना को मापने के लिए किया जा सकता है। यह विशेष रूप से ट्रेडिंग रणनीतियों में उपयोगी हो सकता है।
6. स्विंग इंडिकेटर (Swing Indicator)
- क्या है:
यह संकेतक बाजार के छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव (स्विंग्स) को मापने के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे यह जानने में मदद मिलती है कि बाजार में जबरदस्त वृद्धि या गिरावट हो सकती है। - कम समझा जाने का कारण:
अधिकांश निवेशक इसे शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग संकेतक मानते हैं, और दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह कम उपयोगी प्रतीत होता है। - महत्व:
स्विंग इंडिकेटर का उपयोग छोटे वोलैटिलिटी के दौरान उच्च लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है, खासकर शॉर्ट-टर्म ट्रेंड्स में।
7. चाइकिन मनी फ्लो (Chaikin Money Flow - CMF)
- क्या है:
यह वॉल्यूम और कीमत के संयोजन से मापता है कि किसी स्टॉक या सिक्योरिटी में खरीदारी की ताकत या बिकवाली की दबाव कितनी है। - कम समझा जाने का कारण:
यह संकेतक आमतौर पर वॉल्यूम और अन्य संकेतकों के संयोजन का हिस्सा होता है, और शुरुआती निवेशक इसे पूरी तरह से समझने में कठिनाई महसूस करते हैं। - महत्व:
CMF उच्च वॉल्यूम के साथ मजबूत कीमतों में बदलाव की पहचान करता है, जो ट्रेडर्स को किसी स्टॉक के सशक्त या कमजोर रुझान को समझने में मदद करता है।
निष्कर्ष:
इन संकेतकों को ठीक से समझने और सही तरीके से लागू करने के लिए अधिक अध्ययन और अनुभव की आवश्यकता होती है। हालांकि, यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो ये कम समझे जाने वाले संकेतक किसी निवेशक के लिए प्रभावी ट्रेडिंग और निवेश रणनीतियों का हिस्सा बन सकते हैं।
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