शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे लोकप्रिय संकेतक

 शेयर बाजार में निवेश के लिए कई संकेतक लोकप्रिय हैं। इनका उपयोग निवेशक अपने निवेश के निर्णय लेने के लिए करते हैं। ये संकेतक मुख्य रूप से फंडामेंटल और टेक्निकल प्रकारों में विभाजित होते हैं।

1. फंडामेंटल संकेतक (Fundamental Indicators)

फंडामेंटल संकेतकों का उपयोग शेयर की आंतरिक (Intrinsic) वैल्यू जानने के लिए किया जाता है। ये दीर्घकालिक निवेशकों के बीच अधिक लोकप्रिय हैं।

  • P/E अनुपात (Price-to-Earnings Ratio):
    यह बताता है कि कंपनी के शेयर का मूल्य उसकी प्रति शेयर आय (EPS) के अनुपात में कितना है।
    उदाहरण: P/E ज्यादा होने पर स्टॉक ओवरवैल्यूड हो सकता है।

  • EPS (Earnings Per Share):
    किसी कंपनी की प्रति शेयर आय को मापता है। EPS जितना अधिक होगा, कंपनी उतनी ही लाभदायक मानी जाती है।

  • PEG अनुपात (Price/Earnings to Growth):
    यह कंपनी के मूल्यांकन और उसकी आय वृद्धि दर (Growth Rate) का संतुलन दिखाता है।

  • डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield):
    यह दर्शाता है कि निवेशकों को कितना लाभांश उनकी निवेशित राशि के मुकाबले प्राप्त हो रहा है।

  • ROE (Return on Equity):
    यह निवेशकों को उनके निवेश पर लाभ का संकेत देता है।

2. टेक्निकल संकेतक (Technical Indicators)

टेक्निकल संकेतक स्टॉक के प्राइस मूवमेंट और ट्रेंड का अध्ययन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये ट्रेडर्स के बीच अधिक लोकप्रिय हैं।

  • मूविंग एवरेज (Moving Averages):
    यह किसी स्टॉक की कीमत की औसत दिशा का संकेत देता है।

    • SMA (Simple Moving Average):
      एक निश्चित अवधि में औसत मूल्य।
    • EMA (Exponential Moving Average):
      हाल की कीमतों को अधिक वेटेज देता है।
  • RSI (Relative Strength Index):
    यह किसी स्टॉक की ओवरबॉट (Overbought) या ओवर्सोल्ड (Oversold) स्थिति को दिखाता है।

    • 70 से ऊपर = ओवरबॉट
    • 30 से नीचे = ओवर्सोल्ड
  • MACD (Moving Average Convergence Divergence):
    यह ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देता है और स्टॉक की गति (Momentum) को मापता है।

  • बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands):
    यह स्टॉक की अस्थिरता (Volatility) और संभावित ब्रेकआउट की पहचान करता है।

  • VWAP (Volume Weighted Average Price):
    यह दिखाता है कि एक दिन के दौरान स्टॉक की औसत कीमत क्या थी।

  • स्टॉकास्टिक ऑस्सीलेटर (Stochastic Oscillator):
    यह स्टॉक के क्लोजिंग प्राइस को उसकी हाई-लो रेंज के सापेक्ष मापता है और ओवरबॉट/ओवर्सोल्ड स्थिति का संकेत देता है।

3. संयुक्त संकेतक (Combination Indicators)

  • Fibonacci Retracement:
    यह संकेत देता है कि बाजार कब और कहां सपोर्ट या रेजिस्टेंस ले सकता है।

  • ADX (Average Directional Index):
    यह किसी ट्रेंड की ताकत (Strength) को मापता है।

  • Candlestick Patterns:
    जैसे- डोजी, हैमर, और एंगुलफिंग पैटर्न स्टॉक की भावनाओं और संभावित रिवर्सल को दर्शाते हैं।

लोकप्रियता का कारण

इन संकेतकों की लोकप्रियता उनके आसान उपयोग और प्रभावशीलता पर निर्भर करती है। फंडामेंटल संकेतक लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अधिक फायदेमंद हैं, जबकि टेक्निकल संकेतक शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग और एंट्री/एग्जिट टाइमिंग के लिए बेहतर माने जाते हैं।

सुझाव:
निवेश से पहले इन संकेतकों को अच्छी तरह से समझें और अपनी रणनीति के अनुसार इनका चयन करें।

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