कैंडलस्टिक एनालिसिस में अनुभवजन्य दृष्टिकोण
कैंडलस्टिक एनालिसिस में अनुभवजन्य दृष्टिकोण का अर्थ है, इस तकनीक का उपयोग करते समय अनुभव पर आधारित दृष्टिकोण अपनाना। कैंडलस्टिक एनालिसिस शेयर मार्केट में कीमतों की चाल को समझने का एक तकनीकी विश्लेषण तरीका है। इसमें विभिन्न प्रकार के कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान कर उनकी सहायता से संभावित मूल्य दिशा की भविष्यवाणी की जाती है।
अनुभवजन्य दृष्टिकोण के तहत कुछ मुख्य बिंदु:
पैटर्न की पहचान करना: अनुभव के आधार पर, व्यापारी विभिन्न कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करते हैं जैसे कि डोजी, हैमर, इनग्लफिंग, स्टार्स आदि। इन पैटर्न्स के आधार पर संभावित मूल्य परिवर्तनों का अनुमान लगाया जाता है।
समय के साथ पैटर्न की वैधता: कैंडलस्टिक पैटर्न्स का सही अर्थ समझने के लिए समय के साथ उनके प्रदर्शन को देखना जरूरी है। अनुभव से व्यापारी समझ पाते हैं कि कौन से पैटर्न अधिक सटीक होते हैं और कब वे असफल हो सकते हैं।
मनोविज्ञान का अध्ययन: कैंडलस्टिक पैटर्न्स सिर्फ बाजार के रुझानों को नहीं, बल्कि ट्रेडर्स के मनोविज्ञान को भी दर्शाते हैं। अनुभव से व्यापारी समझ सकते हैं कि किसी खास कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेडर्स की क्या मनोवृत्ति होती है।
अन्य संकेतकों के साथ संयोजन: कैंडलस्टिक एनालिसिस को अन्य तकनीकी संकेतकों जैसे RSI, MACD, और वॉल्यूम एनालिसिस के साथ मिलाकर उपयोग करना अनुभव के आधार पर किया जाता है। इससे सटीकता बढ़ती है।
अतीत से सीखना: ट्रेडर्स अतीत के पैटर्न का अध्ययन कर उन्हें भविष्य में उपयोग करते हैं। अनुभव से वे समझते हैं कि पिछले समय में कौन से पैटर्न कब सही रहे थे, जिससे भविष्य में उसी प्रकार के पैटर्न का सही समय पर उपयोग किया जा सके।
इस अनुभवजन्य दृष्टिकोण के तहत ट्रेडर्स अपने खुद के अनुभव और पिछले डेटा के विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेते हैं, जिससे बाजार में उनकी सटीकता और सफलता की संभावना बढ़ती है।
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