शनिवार, 27 जनवरी 2024

CANCANDLESTICK | kya hoti hai or kase work kerti hai


 कैंडलेस्टिक क्या होती है और यह कैसे काम करती है

नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारे ब्लॉक में आज हम बात करने वाले हैं कैंडल स्टिक के बारे में कैंडलेस्टिक दिशा का निर्धारण करती है जिससे हम यह पता लगा सकते हैं की बार का दबाव है या सेलर का कैंडलेस्टिक बार और सेजल के बीच के दबाव को दर्शाती है कि ट्रेडिंग सेशन के दौरान बाय हरी है या सेलर या फिर ऐसा कह सकते हैं की ट्रेडिंग सेशन के दौरान खरीदारी ज्यादा की गई या शेरों को अधिक बेचा गया वास्तव में कैंडलेस्टिक अपने आप में आगे आने वाली दिशा का निर्धारण करती है इससे हम अगले दिन का अनुमान लगा सकते हैं कि अगले दिन खरीदारी अधिक की जा सकती है या फिर शेरों को अधिक बेचने की संभावना हो सकती है

बाइंग मोमेंटम को कैसे पहचाने

बाइंग मोमेंटम किसी शेर  के खरीदारी की संभावना को दर्शाता है
मान लीजिए कोई शेर कल के क्लोजिंग प्राइस के आसपास ओपन होता है वह दिन के एंडिंग क्लोजिंग टाइम तक हाय पर जाकर बंद होता है तो हम कह सकते हैं कि आज का ट्रेडिंग सेशन बाय मोमेंटम की तरफ था या अर्थात आज सुबह से लेकर शाम तक केवल buyer   ही हावी रहे थे 
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जो डेट ट्रेडिंग के अंदर जो कैंडल बनी थी वह  bullish इंगुलफिंग थी

सेलिंग मोमेंटम को कैसे पहचाने

सेलिंग मोमेंटम buying momentum के मोमेंटम की विपरीत होता है
माना आज के ट्रेडिंग सेशन की शुरुआत कल के क्लोजिंग प्राइस से नीचे होती है और वहां से बिग वाली शुरू होती है और डे ट्रेडिंग के क्लोजिंग टाइम तक बियर हैवी रहते हैं तो इसे हम सेलिंग मोमेंटम कह सकते हैं तो यह एक भी  bearish इंगुलफिंग कैंडल को दर्शाता है|

         अंत हम कह सकते हैं कि कैंडलेस्टिक पहचान बताता है कि डे ट्रेडिंग सेशन के दौरान या फिर मंथली या वीकली सेशन के दौरान शेयर में कितनी बीच वाली या खरीदारी की गई है अलग-अलग कैंडलेस्टिक आने वाली अगली परिस्थितियों की संभावनाओं को दर्शाता है जिससे हमें अगले ट्रेडिंग सेशन के आने वाली संभावनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है


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